Skip to main content

History of medieval india in hindi । मध्यकालीन भारत का इतिहास

 इतिहास


मध्यकालीन भारत का इतिहास

Part I

  1. महमूद गज़नी
  2. मुहम्मद गौरी
  3. सल्तनत काल
    1. गुलाम वंश : (1206 से 1290 )
    2. खिलजी वंश : (1290 से 1320 )
    3. तुग़लक वंश : (1320 से 1398 )
    4. सैय्यद वंश : (1414 से 1451 )
    5. लोदी वंश : (1414 से 1451)

Part II

  1. मुग़ल साम्राज्य

    1. बाबर (1526 से 1530 )
    2. हुमांयूँ (1530 से 1556 ई)
    3. अकबर (1556 से 1605 )
    4. जहाँगीर (1605 से 1627 )
    5. शाहजहाँ (1627 से 1657 ई)
    6. औरंगजेब (1657 ई से 1707 ई)
  2. मराठों का उत्कर्ष

    1. शिवाजी
    2.  शिवाजी के उत्तराधिकारी 
    3. प्रमुख आंग्ल-मराठा युद्ध 

history of medieval india



इतिहास

मध्यकालीन भारत का इतिहास


भारत पर अरबों का पहला आक्रमण - मुहम्मद बिन कासिम 


[1]. महमूद गज़नी 


  1. गज़नी साम्राज्य के संस्थापक - अलप्त्गीन (932 ई)
  2. राजधानी - गज़नी
  3. अलप्त्गीन का दामाद - सुबुक्त्दीन का पुत्र - महमूद गज़नी
  4. महमूद गज़नी ने भारत पर 17 बार आक्रमण किया 
  5. 1025 ई में सोमनाथ मंदिर को लूटा 
  6. 1027 ई में अंतिम भारतीय आक्रमण जाटों का विद्रोह दबाने के लिए
  7. सुल्तान की उपाधि हासिल करने वाला प्रथम शाषक
  8. मृत्यु - 1030
  9. ख़ास दरबारी - अलबरूनी, फिरदौसी, उत्बी, फरुखी

[2]. मुहम्मद गौरी 


  1. गौर - महमूद गज़नी के अधीन छोटा सा राज्य 
  2. शाषक - शहाबुद्दीन मुहम्मद गौरी
  3. मुहम्मद गौरी द्वारा लडे गए प्रमुख युद्ध :-

युद्ध

वर्ष

विपरीत पक्ष

परिणाम

तराइन का प्रथम युद्ध

1191

पृथ्वीराज चौहान

गौरी की हार

तराइन का द्वितीय युद्ध

1192

पृथ्वीराज चौहान

गौरी विजयी

चन्दावर का युद्ध

1194

जयचंद

गौरी विजयी


[3]. सल्तनत काल

गुलाम वंश - खिलजी वंश - तुग़लक वंश - सैय्यद वंश - लोदी वंश


1. गुलाम वंश : (1206 से 1290 )

  1. स्थापना - 1206 ई कुतुबुद्दीन ऐबक (गौरी का गुलाम)
  2. राजधानी - लाहौर
  3. उपाधि - लाखबख्श 
  4. निर्माण - कुतुबमीनार की नींव डाली, दिल्ली - कुवत-उल-इस्लाम मस्जिद, अजमेर - ढाई दिन का झोपड़ा 
  5. मृत्यु - 1210 ई चौगान खेलते समय घोड़े से गिरकर
  6. उत्तराधिकारी - आरामशाह - हत्या - इल्तुतमिश गद्दी पर बैठा 
  7. इल्तुतमिश के कार्य - कुतुबमीनार का निर्माण, शुद्ध अरबी सिक्के चलाए ( चाँदी- टंका, तांबा - जीतल)
  8. चालीस गुलाम सरदारों का संगठन - तुरकान-ए-चेहलगानी
  9. उसके बाद रुकनुद्दीन फिरोज - रजिया सुलतान - मुइजुद्दीन बेहरामशाह - अलाउद्दीन मसूद शाह - नासिरुद्दीन मुहम्मद (बलबन ने )
  10. बलबन का वास्तविक नाम - बहाउद्दीन बलबन (सिजदा और पैबोस प्रथा), लौह एवं रक्त, उपाधि - उलुग खां
  11. गुलाम वंश का अंतिम शाषक शमुद्दीन कैमुर्स था

2. खिलजी वंश : 1290 से 1320 ई   

  1. संस्थापक - जलालुद्दीन फिरोज खिलजी 
  2. राजधानी - किलोखरी 
  3. हत्या भतीजा एवं दामाद - अलाउद्दीन खिलजी 
  4. घोडा दागने एवं सेनिकों का हुलिया लिखने की प्रथा 
  5. निर्माण - जमैयत खाना मस्जिद, सीरी का किला, हजार खम्बा महल, अलाइ दरवाजा (इस्लामी वास्तुकला का रत्न)
  6. अलाउद्दीन खिलजी उपाधि - सिकंदर ऐ सानी 
  7. मृत्यु - 1316 ई 
  8. अंतिम शाषक - मुबारक खिलजी ( उपाधि - खलीफा), हत्या - वजीर खुसरो खां

3. तुग़लक वंश : 1320 से 1398

  1. खुसरो खां को हराकर - गयासुद्दीन तुग़लक (गाजी मालिक या तुगलक गाजी)
  2. कुँए एवं नेहरों का निर्माण करवाया
  3. हत्या - मुहम्मद बिन तुग़लक (जूना खां)
  4. इसे इसके क्रूर कृत्यों के कारण - स्वप्नशील, पागल, रक्तपिपासु कहा गया 
  5. इसने राजधानी - दिल्ली से देवगिरी स्थानान्त्रित की और इसका नाम दौलताबाद रखा 
  6. इसके शाषन काल में दक्षिण में हरिहर व् बुक्का नाम के दो भाइयों ने विजयनगर साम्राज्य की स्थापना की 
  7. फिरोज तुग़लक - 4 कर - खराज, खुम्स, जजिया, जकात
  8. ब्राह्मणों पर जजिया कर लगाने वाला प्रथम शाषक
  9. आत्मकथा - फ़तूहात-ए-फिरोजशाही

10) अंतिम शाषक - नसीरूद्दीन महमूद तुगलक (जिसे तैमूरलंग ने पराजित किया)


4. सैय्यद वंश : 1414 से 1451

  1. संस्थापक - खिज्र खां
  2. उपाधि - रैय्यत-ए-आला 
  3. खिज्र खां तैमूरलंग का सेनापति था 
  4. अंतिम शाषक - अलाउद्दीन आलम शाह 
  5. सैय्यद वंश - 37 वर्षो तक चला

5. लोदी वंश : 1414 से 1451

  1. संस्थापक - बहलोल लोदी 
  2. बहलोल लोदी अपने सरदारों को - मकसद-ए-अली कहता 
  3. सिकंदर लोदी - आगरा शहर की स्थापना की, भूमि मापने की इकाई गजे सिकंदरी अपनाई
  4. मृत्यु - गले की बीमारी के कारण
  5. उत्तराधिकारी - पुत्र इब्राहीम लोदी ( जो पानीपत के प्रथम युद्ध में बाबर से हरा)

[4]. मुग़ल साम्राज्य 


1. बाबर (1526 से 1530 ई)


  1. संस्थापक - बाबर (1526 से 1530 ई)
  2. उपाधि - बादशाह (1507 ई), कलन्दर (अपनी उदारता के लिए)
  3. मृत्यु - 1530 ई आगरा 
  4. मकबरा - आगरा के आरामबाग से काबुल में स्थानांतरित 
  5. आत्मकथा - बाबरनामा (तुर्की में)
  6. बाबर द्वारा लडे गए प्रमुख युद्ध :

युद्ध

वर्ष

पक्ष

परिणाम

पानीपत का प्रथम युद्ध

1526

इब्राहीम लोदी

बाबर विजयी

खानवा का युद्ध

1527

राणा सांगा

बाबर विजयी

चंदेरी का युद्ध

1528

मेदनी राय

बाबर विजयी

घाघरा का युद्ध

1529

अफगान

बाबर विजयी



2. हुमांयूँ (1530 से 1556 ई)

  1. बाबर का उत्तराधिकारी हुमांयूँ 
  2. हुमांयूँ ने दीनपनाह नामक नगर बसाया
  3. हुमांयूँ की आत्मकथा हुमांयूँनामा - बहन गुलबदन बेगम 
  4. मृत्यु - दीनपनाह भवन में पुस्तकालय की सीढ़ियों से गिरने से 
  5. हुमांयूँ द्वारा लड़े गए प्रमुख युद्ध :

युद्ध

वर्ष

पक्ष

परिणाम

चौसा का युद्ध

1539

शेर खां

शेर खां विजयी (शेरशाह)

बिलग्राम/ कन्नौज का युद्ध

1540

शेर खां

शेर खां विजयी (आगरा व दिल्ली पर विजय)

सरहिंद का युद्ध

1555

पंजाब के सूरी शाषक सिकंदर

हुमांयूँ विजयी (दिल्ली की गद्दी)


शेरशाह (1540 से 1545 ई)

  1. संस्थापक - अफगान वंशीय शेरशाह सूरी 
  2. बचपन का नाम - फरीद खां 
  3. उपाधि - शेर खां (तलवार के 1 वार से शेर को मारने के कारण)
  4. शेरशाह का मकबरा - सासाराम बिहार 
  5. शेरशाह ने ग्रैंड ट्रंक रोड की मरम्मत करवाई

3. अकबर (1556 से 1605 ई)

  1. जन्म - 1542 ई राज्याभिषेक 1556 ई
  2. उपाधि - जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर बादशाही गाजी 
  3. प्रमुख चित्रकार - दसवंत और बसावन 
  4. प्रमुख गायक - तानसेन, बाज बहादुर, बाबा रामदास, बैजू बावरा 
  5. प्रमुख नवरत्न - अबुल फजल, फैजी, तानसेन, बीरबल, टोडरमल, राजा मान सिंह, अब्दुल रहीम खान-ऐ-खाना, फ़कीर अजीउद्दीन, मुल्ला दो प्याजा 
  6. अबुल फजल - अकबरनामा , पंचतंत्र का फारसी अनुवाद किया 
  7. अकबर काल - हिंदी साहित्य का स्वर्ण काल 
  8. महाभारत का फ़ारसी अनुवाद करवाया - रज्मनामा
  9. निर्माण - बुलंद दरवाजा
  10. मुख्य कार्य -   

    1. दासप्रथा का अंत
    2. तीर्थयात्रा व जजिया कर समाप्त
    3. फतेहपुर सीकरी की स्थापना
    4. राजधानी आगरा से फतेहपुर सीकरी स्थानांतरित की (1571)
    5. दीन-ए-इलाही की स्थापना
    6. इलाही संवत की शुरुआत
    7. राजधानी लाहौर स्थानांतरित की (1585)

    11) अकबर द्वारा लड़े गये युद्ध :-    

युद्ध

वर्ष

पक्ष

परिणाम

पानीपत का द्वितीय युद्ध

1556

हेमू

अकबर विजयी

हल्दीघाटी का युद्ध

1576

महाराणा प्रताप

अकबर विजयी



4. जहाँगीर (1605 से 1627 ई)

  1. अकबर का उत्तराधिकारी - सलीम (जन्म - 1569 ई)
  2. उपाधि - नूरुद्दीन मुहम्मद जहाँगीर बादशाही गाजी
  3. जहाँगीर के पुत्र खुसरो की सहायता करने के कारण - 5वें गुरु अर्जुनदेव को फांसी दी  
  4. जहाँगीर काल - चित्रकला का स्वर्ण काल 
  5. कैप्टेन हाकिंस, सर टॉमस रो, विलियम फिंच, एडवर्ड टेरी   

5. शाहजहाँ (1627 से 1657 ई)

  1. जन्म - 1592 ई खुर्रम खां 
  2. उपाधि - अबूल मुजफ्फर शहाबुद्दीन मुहम्मद साहिब किरन-ए-सानी
  3. शाहजहाँ काल - स्थापत्य कला का स्वर्णयुग 
  4. निर्माण - ताजमहल, मयूर सिंहासन, दिल्ली का लाल किला, दीवाने आम, दीवाने खास, दिल्ली की जमा मस्जिद, आगरा की मोती मस्जिद
  5. पुत्र - दारा शिकोह जिसे हराकर उसका दुसरा पुत्र औरंगज़ेब गद्दी पर बैठा

6. औरंगजेब (1657 ई से 1707 ई)

  1. जन्म - 1618 ई (दोहद गुजरात में)
  2. गुरु - मीर मुहम्मद हकीम  
  3. अनुयायी - सुन्नी धर्म (जिन्दा पीर)
  4. इस्लाम न कुबूल करने के कारण - 9 वें गुरु तेगबहादुर की हत्या

[5]. मराठों का उत्कर्ष

1. शिवाजी

  1. संस्थापक - शिवाजी 
  2. जन्म - 1627 ई 
  3. पिता का नाम - शाहजी भोसले , माता का नाम - जिजाबाई 
  4. राजधानी - रायगढ़ 1656 ई 
  5. पुरंदर की संधि 1665 ई - महाराज जयसिंह एवं शिवाजी के बीच 
  6. चौथ एवं सरदेशमुखी नामक कर लगाये 
  7. औरंगजेब ने शिवाजी को मई 1666 ई में जयपुर भवन में कैद के लिया जहाँ से वे अगस्त 1666 ई में भाग निकले 
  8. शिवाजी के मंत्रीमंडल को अष्टप्रधान कहा जाता था

2. शिवाजी के उत्तराधिकारी 


  1. शिवाजी के उत्तराधिकारी - शम्भाजी
  2. शम्भाजी के पुत्र – राजाराम   साहू

राजाराम :-   

      1. राजाराम ने 1689 ई में नए छत्रपति बन राज किया 
      2. मृत्यु - 1700 ई में मुगलों से लड़ते हुए
      3. उत्तराधिकारी - 4 वर्षीय पुत्र शिवाजी द्वितीय (राजाराम की पत्नी ताराबाई के संरक्षण में) 

साहू :- 

      1. साहू 1707 ई में औरंगजेब की मृत्यु के बाद उसकी कैद से आज़ाद हुए 
      2. साहू और ताराबाई के बीच 1707 ई में खेडा युद्ध हुआ जिसमे साहू की विजय हुई 

  1. बाजीराव प्रथम (मस्तानी) - दिल्ली पर आक्रमण करने वाला प्रथम पेशवा 

  2. बालाजी बाजीराव (उपनाम - नाना साहब) - पानीपत का तृतीय युद्ध (1761 ई) हार

  3. अंतिम पेशवा - रघोवा का पुत्र बाजीराव II


  1. प्रमुख आंग्ल-मराठा युद्ध :-

युद्ध

वर्ष

परिणाम

प्रथम आंग्ल-मराठा युद्ध

1782

सलबाई की संधि के साथ समाप्त हुआ

द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध

1803-05

देवगांव की संधि के साथ समाप्त हुआ

तृतीय आंग्ल-मराठा युद्ध

1817-19

मराठा शक्ति और पेशवा के वंशनुगत पद को समाप्त के दिया गया






Comments

popular posts

भारत के राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति का निर्वाचन, कार्यकाल एवं शक्तियां | President and vice president of india

संघीय कार्यपालिका :- भारतीय संविधान के भाग 5 के अनुच्छेद 52 से 78 तक के अधीन संघीय कार्यपालिका का उल्लेख किया गया है। भारत में संसदीय शासन प्रणाली अस्तित्व में है जो ब्रिटिश शासन पद्धति पर आधारित है। इस संसदीय प्रणाली में दो प्रकार की कार्यपालिका प्रमुख का प्रावधान किया गया है। 1)     संवैधानिक प्रमुख 2)     वास्तविक प्रमुख   राष्ट्रपति :- ·          संविधान के अनुच्छेद 52 में राष्ट्रपति पद का प्रावधान किया गया है। ·          राष्ट्रपति भारत का प्रथम नागरिक कहलाता है| ·          राष्ट्रपति का पद सर्वाधिक सम्मान गरिमा तथा प्रतिष्ठा का पद है। ·          राष्ट्रपति राष्ट्र का अध्यक्ष होता है विधेयक के अंदर की समस्त कार्यपालिका शक्ति उसमें निहित होती है। ·          अनुच्छेद 56 के अनुसार राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है लेकि...

History of modern india in hindi । भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों का आगमन

  आधुनिक भारत के इतिहास की शुरुआत भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों के आगमन से हुई| भारत में सबसे पहले 1498 ईसवी में पुर्तगाली आए फिर 1596 ईस्वी में डच आए उसके बाद 16 0 9 ईसवी में अंग्रेजो की ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत पर शाषन किया| 1616 ईसवी में डेनमार्क के लोग भी भारत आए पर जल्दी ही अपने अधिकार क्षेत्रों को अंग्रेजो को बेच क्र चले गए| 16 6 4 ईसवी में फ़्रांसिसी भी आए लेकिन बहुत प्रयासों के बाद भी अंग्रेजो की सामने टिक नही पाए और 1761 ईसवी तक उनका काल भी समाप्त हो गया| इस ब्लॉग में मैंने भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों के आगमन को बड़े ही सरल शब्दों में लिखने का प्रयास किया है उम्मीद है आपको पसंद आए| तो चलिए बिना देर किए अपने टॉपिक की सुरुआत करते है | आधुनिक भारत  भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों का आगमन भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों के आगमन का क्रम इस प्रकार हे  पुर्तगाली - डच – अंग्रेज - डेनिश - फ्रांसीसी 1. पुर्तगाली 1498 ईसवी में वास्कोडिगामा कालीकट बंदरगाह यानी आज के कोलकाता आया 1505 ईसवी में फ्रांसिस्को द अल्मेड़ा भारत में प्रथम पुर्तगाली वायसरा...