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History of Ancient india in hindi। प्राचीन भारत का इतिहास

  अपने भारत का इतिहास जानने में कौन रुचि नहीं रखेगा।  इतिहास एक ऐसा topic है जिसमें से competitive exams में भी प्रश्न पूछे जाते हैं इस blog में मैंने भारत के इतिहास को सरल तरीके से समझाने की कोशिश की है। 

    आगे बढ़ने से पहले जरूरी है कि हम यह जान लें किसी भी चीज को पढ़ने से पहले हम क्या पढ़ रहे हैैं यह जानना भी जरूरी है इसलिए मैंने यह Index भी बनाया है आइए बिना देरी के शुरू करते हैं ।

History of Ancient India

भारत का इतिहास (प्राचीन भारत)


1. जानकारी स्त्रोत

  • धर्मग्रन्थ
  • एतिहासिक ग्रन्थ
  • विदेशियों का विवरण
  • पुरातत्व सम्बन्धी साक्ष्य


2. प्रागैतिहासिक काल

3. सिन्धु सभ्यता

4. वैदिक सभ्यता

5. महाजनपदों का उदय

6. जैन धर्म

7. बौद्ध धर्म

8. मगध राज्य का उत्कर्ष 

9. मौर्य साम्राज्य

  • चन्द्रगुप्त मौर्य
  • बिन्दुसार
  • अशोक       


10. भारत के यवन राज्य

  • हिन्द-यूनानीी
  • शक
  • पहलव
  • कुषाण 

11. गुप्त साम्राज्य 

  • श्रीगुप्त
  • चन्द्रगुप्त प्रथम
  • समुद्रगुप्त
  • चन्द्रगुप्त द्वितीय
  • कुमारगुप्तत प्रथम
  • स्कंदगुप्त 

12. दक्षिण भारत के प्रमुख राजवंश 
  • पल्लव वंश
  • चालुक्य वंश (कल्याणी)
  • चालुक्य वंश (वातापी)
  • चालुक्य वंश (बेंगी)
  • राष्ट्रकूट
  • चोल

13. सीमावर्ती राजवंशो का उदय
  • पालवंश
  • सेनवंश
  • कश्मीर के राजवंश

14. राजपूत राजवंश
  • गुर्जर प्रतिहार वंश
  • गहडवाल (राठौर) राजवंश
  • चौहान वंश
  • परमार वंश
  • चंदेल वंश
  • सोलंकी वंश
  • सिसोदिया वंश 


[1]. जानकारी स्त्रोत


भारतीय इतिहास के विषय में जानकारी मुख्यतः 4 स्त्रोतों से प्राप्त होती हे :-

  • धर्मग्रन्थ 
  • एतिहासिक ग्रन्थ 
  • विदेशियों का विवरण 
  • पुरातत्व सम्बन्धी साक्ष्य 


1. धर्मग्रन्थ   

1) ऋग्वेद    10 मंडल 1028 सूक्त 10462 रचनायें हैं   

2) यजुर्वेद    यज्ञ के नियम और विधि विधान का उल्लेख मिलता हे

3) सामवेद    इसके पाठकर्ता को उद्रातृ कहते हैं           

4) अथर्ववेद    रचना अथर्वा ऋषि ने की


2. एतिहासिक ग्रन्थ 

1) अर्थशास्त्र के लेखक चाणक्य हें

2) राजतरंगिणी के लेखक कल्हण हैं

3) अष्टाध्यायी के लेखक पाणिनि हैं  


3. विदेशियों का विवरण                

1) यूनानी-रोमन लेखक - टेसियस, हेरोडोटस, मेगास्थनीज (इंडिका), टालमी (भारत का भूगोल) 


2) चीनी लेखक - फाहियान (चन्द्रगुप्त द्वितीया), हेन्सांग (हर्षवर्धन) 


3) अरबी लेखक - अलबरूनी (तहकीक-ऐ-हिन्द), इब्नबतूता (यात्रा वृतांत - रिहाल)


4. पुरातत्व सम्बन्धी साक्ष्य

  1. प्राचीनतम सिक्को को आहत सिक्के बोलते थे साहित्य में काषार्पण
  2. सिक्कों के अध्ययन - न्यूमेसमेटीक्स या मुद्राशास्त्र
  3. उत्तर भारत के मंदिरों की कला शैली को नगर शैली
  4. दक्षिण भारत के मंदिरों की कला शैली को द्रविण शैली


[2]. प्रागैतिहासिक काल 

  1. इस काल में घटनाओं का लिखित विवरण नहीं होता
  2. आग का अविष्कार - पुरा पाषाण काल 
  3. पहिये का अविष्कार - नव पाषाण काल 
  4. मनुष्य ने सर्वप्रथम किस धातु का प्रयोग किया - तांबा
  5. प्रथम औजार - कुल्हाडी 
  6. प्रथम अनाज – चावल

[3]. सिन्धु सभ्यता

  1. 2400 ईसा पूर्व से 1700 ईसा पूर्व
  2. खोजकर्ता - रायबहादुर दयाराम साहनी 
  3. 6 बड़े नगर - मोहनजोदड़ो, हड़प्पा, गणवारिवाला, धौलावीर, राखीगढ़ी, कालीबंगन
  4. हड़प्पा सभ्यता के सर्वाधिक स्थल - गुजरात  
  5. सिन्धु सभ्यता का बन्दरगाह - लोथल और सुतकोदा
  6. सबसे बड़ा स्नानागार – मोहनजोदड़ो (मृतकों का टीला)
  7. नर्तकी की कांस्य की मूर्ति - मोहनजोदड़ो 
  8. सिन्धु सभ्यता की लिपि - भावचित्रात्मक
  9. सिन्धु सभ्यता की मुख्य फसले - गेंहू और जौ

[4]. वैदिक सभ्यता 

  1. आर्यो द्वारा निर्मित सभ्यता वैदिक सभ्यता कहलाई 
  2. आर्यों की भाषा - संस्कृत 
  3. जीवन भर अविवाहित रहने वाली महिला – अमाजू

[5]. महाजनपदों का उदय 

  1. बुद्ध के जनम से पूर्व 6वीं शताब्दी ईसा पूर्व में भारत 16 जनपदों में बंटा हुआ था इसकी जानकारी हमें बोद्ध ग्रन्थ अंगुत्तर निकाय से मिलती है ।
  2. अंग, मगध, काशी, वत्स, वज्जी, कौशल, अवन्ती, मल्ल, पंचाल, चेदी, कुरु, मतस्य, कम्बोज, सूरसेन, अश्मक, गांधार



[6]. जैन धर्म 

  1. संस्थापक व प्रथम तीर्थंकर - ऋषभदेव 
  2. 23वें तीर्थंकर - पाशर्वनाथ
  3. 24वें व अंतिम तीर्थंकर - महावीर स्वामी
  4. बचपनका नाम - वर्धमान
  5. महावीर का जन्म - 540 ईसा पूर्व कुंडग्राम (वैशाली) 
  6. पिता - सिद्धार्थ (ज्ञात्रक कुल), माता - त्रिशला (लिच्छवी राजा चेटक की बहन)
  7. पत्नी - यशोधरा, पुत्री - अनोज्जा प्रियदर्शनी,  
  8. महावीर ने अपना उपदेश - प्राकृत भाषा में दिया 
  9. महावीर की मृत्यु 468 ईसा पूर्व 72 वर्ष की आयु में बिहार राज्य के पावापुरी (राजगीर) में हुई
  10. जैन धर्म के त्रिरत्न - सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान, सम्यक आचरण 
  11. जैन धर्म के अनुयायी राजा - उद्यीन, चन्द्रगुप्त मौर्य, कलिंग नरेश खारवेल, चंदेल शासक
  12. जैन तीर्थंकरो की जीवनी भद्रबाहु द्वारा रचित कल्पसूत्र में हे 


मुख्य पॉइंट - खजुराहो में जैन मंदिरों का निर्माण चंदेल शासको द्वारा करवाया गया


[7]. बौद्ध धर्म 

  1. संस्थापक - गौतम बुद्ध, बचपन का नाम - सिद्धार्थ 
  2. जन्म - 563 ईसा पूर्व कपिलवस्तु के लुम्बिनी में  
  3. पिता - शुद्धोधन शाक्यमाता - महामाया
  4. पत्नी - यशोधरा,   पुत्र - राहुल 
  5. 29 वर्ष की अवस्था में गृह त्याग किया जिसे बौद्ध धर्म में महाभिनिष्क्रमण कहा जाता हे 
  6. प्रथम उपदेश - सारनाथ (ऋषिपतनम) जिसे बौद्ध धर्म में धर्मचक्रपरिवर्तन कहा जाता हे 
  7. बुद्ध ने अपने उपदेश - पाली भाषा में दिए
  8. बुद्ध की मृत्यु - 483 ईसा पूर्व कुशिनारा (देवरिया, उत्तर प्रदेश) में हुई जिसे बौद्ध धर्म में महापरिनिर्वाण कहा जाता हे
  9. बौद्ध धर्म के त्रिरत्न - बुद्ध, धम्म, संघ
  10. 10) प्रमुख ग्रन्थ – त्रिपिटक, निकाय, जातक
  11. 11) चतुर्थ बौद्ध समीति के बाद बौद्ध धर्म दो भागो में विभाजित हुआ - हीनयान और महायान


[8]. मगध राज्य का उत्कर्ष

  1. मगध के सबसे प्राचीन वंश के संस्थापक - ब्रहद्रथ (अंग के राजा)
  2. हर्यंक वंश के संस्थापक - बिम्बिसार (544 ईसा पूर्व)
  3. बिम्बिसार ने ब्रहद्रथ को हराकर अंग को अपने राज्य में मिला लिया और राजगृह का निर्माण कर उसे अपनी राजधानी बनाया
  4. बिम्बिसार की हत्या उसके पुत्र आजातशत्रु ने की और 493 ईसा पूर्व गद्दी पर बैठा 
  5. आजातशत्रु का उपनाम कुणिक था वह शुरुआत में जैन धर्म का अनुयायी था फिर बौद्ध धर्म का अनुयायी बन गया
  6. अजातशत्रु की हत्या कर उसका पुत्र उदायिन मगध की गद्दी पर बैठा 
  7. हर्यंक वंश का अंतिम शाषक उदायिन का पुत्र नागदशक था 
  8. नागदशक को अपदस्थ करके उसके आमात्य शिशुनाग ने नाग वंश की स्थापना की 
  9. शिशुनाग का उत्तराधिकारी कालाशोक था 

10) शिशुनाग वंश का अंतिम शाषक नन्दिवर्धन था

11) नन्दिवर्धन की हत्या कर महापदमानंद ने नन्द वंश की नींव रखी

12) नन्द वंश का अंतिम शाषक धनानंद था

13) धनानंद को चन्द्रगुप्त मौर्य ने पराजित किया और मौर्य वंश     की स्थापना की


नोट : ब्रहद्रथ हराया बिम्बिसार हत्या उसके पुत्र अजातशत्रु हत्या उसके पुत्र उदायिन का पुत्र नागदशक अपदस्थ उसके आमात्य शिशुनाग (नाग वंश) उत्तराधिकारी कालाशोक और अंतिम शाषक नन्दिवर्धन हत्या  महापदमानंद  (नन्द वंश) अंतिम शाषक धनानंद पराजित चन्द्रगुप्त मौर्य (मौर्य वंश)



[9]. मौर्य साम्राज्य

1. चन्द्रगुप्त मौर्य

  1. संस्थापक - चन्द्रगुप्त मौर्य 
  2. जन्म - 345 ईसा पूर्व , गद्दी पर बैठा - 322 ईसा पूर्व 
  3. चन्द्रगुप्त मौर्य ने चाणक्य की सहायता से धनानंद को पराजित किया और मौर्य वंश की स्थापना की
  4. अनुयायी - जैन धर्म (जैनी गुरु बद्रबाहू से दीक्षा)
  5. मृत्यु - 298 ईसा पूर्व श्रवणबेलगोला में उपवास क दौरान 

2. बिन्दुसार

  1.  चन्द्रगुप्त मौर्य का उत्तराधिकारी - बिन्दुसार
  2.  गद्दी पर बैठा - 298 ईसा पूर्व
  3.  उपनाम - अमित्रघात (शत्रु विनाशक), यूनानी लेखकों ने अमित्रोचेटस

3. अशोक

  1. बिन्दुसार का उत्तराधिकारी - अशोक
  2. पुराणों में अशोक को अशोकवर्धन कहा गया 
  3. अनुयायी - बौद्ध धर्म (उपगुप्त नामक बौद्ध से दीक्षा)
  4. अशोक ने बौद्ध धर्म के प्रचार के लिए - पुत्र महेंद्र और पुत्री संघमित्रा को श्रीलंका भेजा 
  5. शिलालेख का प्रचलन सर्वप्रथम अशोक ने किया 
  6. अशोक ने  14 शिलालेख, 13 लघु शिलालेख , 7 स्तम्भ अभिलखों का निर्माण

नोट :

  1. मौर्य वंश का अंतिम शाषक बृहद्रथ था जिसकी हत्या उसके सेनापति पुष्यमित्र शुंग ने की और शुंग वंश की नींव डाली
  2. शुंग वंश का अंतिम शाषक देवभूति था  जिसकी की हत्या 73 ईसा पूर्व में वासुदेव ने की और कणव वंश की नींव डाली 
  3. कणव वंश का अंतिम शाषक सुशर्मा हुआ  जिसकी की हत्या शिमुक ने 60 ईसा पूर्व की और सातवाहन वंश की नींव डाली 
  4. प्रमुख सातवाहन शाषक - सिमुक, शतकर्णी, गौतमीपुत्र शतकर्णी


[10]. भारत के यवन राज्य 


हिन्द-यूनानी - शक - पहलव – कुषाण

  1. हिन्द-यूनानी
    1. पहला आक्रमण - डेमीट्रीयस , इसे ही हिन्द यूनानी या बेक्ट्रियाई यूनानी कहा जाता था
    2. भारत में सबसे पहले सोने के सिक्के जारी किये

  1. शक 

    1. मूलतः मध्य एशिया के निवासी थे चारागाह की खोज में भारत आए थे 
    2. शकों पर विजय के उपलक्ष्य में विक्रम संवत की शुरुआत हुई
    3. शकों का सबसे प्रतापी शाषक रुद्रदामन प्रथम था इसने मौर्यों द्वारा निर्मित सुदर्शन झील के जीर्णोधार करवाया


  1. पार्थियाई/पहलव

    1. प्रसिद्ध पर्थियाई राजा - गोंडोफर्निश था 
    2. पर्थियाई लोगो का मूल स्थान ईरान था

  1. कुषाण

    1. कुषाण युची कबीले से थे 
    2. संस्थापक - कुजुल कडफीसेस 
    3. राजधानी - पुरुषपुर या पेशावर द्वितीय राजधानी – मथुरा
    4. सबसे प्रतापी राजा - कनिष्क (78 ई में गद्दी पर बैठा) और शक संवत की शुरुआत की
    5. चौथी बौध संगीति - कनिष्क के शाषन काल में कुंडलवन (कश्मीर) में हुई 
    6. कनिष्क का राज्य वैद्य - चरक (जिसने चरकसंहिता लिखी)
    7. गांधार शैली और मथुरा शैली का विकास कनिष्क के काल में हुआ 
    8. अंतिम कुषाण शाषक – वासुदेव


[11]. गुप्त साम्राज्य 

  1. संस्थापक - श्रीगुप्त (240-280 ई)
  2. प्रथम महान सम्राट - चन्द्रगुप्त प्रथम (320 ई) जिसने गुप्त संवत (319-320 ई) की शुरुआत की
  3. चन्द्रगुप्त प्रथम का उत्तरधिकारी समुद्रगुप्त - भारत का नेपोलियन
  4. समुद्रगुप्त - विष्णु उपासक, संगीत प्रेमी, उसके सिक्कों पर उसे वीणा बजाते हुए दिखाया गया हे 
  5. समुद्रगुप्त उपाधि - अश्वमेघकर्ता, विक्रमंक, इसे कविराज भी कहा जाता था
  6. समुद्रगुप्त का उत्तरधिकारी - चन्द्रगुप्त द्वितीय - (380 ई में गद्दी पर बैठा), चीनी यात्री फाह्यान भारत आयाइसका काल साहित्य और कला का स्वर्ण युग था
  7. चन्द्रगुप्त द्वितीय का उत्तरधिकारी - कुमारगुप्त प्रथम (नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की)
  8. कुमारगुप्त प्रथम का उत्तरधिकारी - स्कंदगुप्त (455-467 ई), गिरनार पर्वत और सुदर्शन झील का पुनरुद्धार करवाया 
  9. गुप्तकाल - भारतीय इतिहास का स्वर्ण युग 
  10. 10) शाषकीय भाषा - संस्कृत
  11. 11) सिक्को को - रुप्यका कहा जाता था


12]. दक्षिण भारत के प्रमुख राजवंश 

पल्लव वंश - चालुक्य वंश (कल्याणी) - चालुक्य वंश (वातापी/ बादामी) - चालुक्य वंश (बेंगी)राष्ट्रकूट - चोल


1. पल्लव वंश 

    1. संस्थापक - सिंहविष्णु (575-600 ई), वैष्णव धर्म अनुयायी
    2. राजधानी - कांची (तमिलनाडु में कांचीपुरम)


  1. पल्लव वंश के प्रमुख शाषक - 

  1. नरसिंह वर्मन I (630-668 ई) [ महाबलीपुरम के रथ मंदिर का निर्माण ] 

उपाधि – वातपिकोंणड (चालुक्य राजा पुलकेशिन II को परस्त किया)

  1. नरसिंह वर्मन II (704-728 ई) [ कांची के कैलाश मंदिर का निर्माण ]

उपाधि - राजसिंह, आगमप्रिया (शास्त्रों का प्रिय), शंकरभक्त

  1. नंदी वर्मन II (731-795 ई) [ कांची के मुक्तेशवर मंदिर तथा बैकुण्ठ पेरुमाल मंदिर का निर्माण ]

  2. पल्लव वंश के अंतिम शाषक - अपराजितवर्मन (879-897 ई)


2. चालुक्य वंश (कल्याणी)

    1. संस्थापक - तैलुप II
    2. राजधानी - मान्यखेट
    3. प्रमुख शाषक - तैलप I, तैलप II, विक्रमादित्य, जयसिंह, सोमेश्वर, सोमेश्वर II, विक्रमादित्य VI, सोमेश्वर III, तैलप III


3. चालुक्य वंश (वातापी/ बादामी)

  1. संस्थापक - जयसिंह 
  2. राजधानी - वातापी (बीजापुर के निकट)
  3. प्रमुख शाषक - पुलकेशिन I, कीर्तिवर्मन, पुलकेशिन II, विक्रमादित्य, विनयादित्य, विजयादित्य 
  4. सबसे प्रतापी राजा -  पुलकेशिन II , [ जिनेन्द्र का मेगुती मंदिर का निर्माण ]
  5. पुलकेशिन II उपाधि - दक्षिणापथेश्वर , परमेश्वर (हर्षवर्धन को हराकर)



4. चालुक्य वंश (बेंगी)

  1. संस्थापक - विष्णुवर्धन
  2. राजधानी - बेंगी (आंध्रप्रदेश)
  3. सबसे प्रतापी राजा - विजयादित्य तृतीय

5. राष्ट्रकूट 

  1. संस्थापक - दन्तीदुर्ग (752 ई)
  2. राजधानी - मनकिर या मान्यखेत (वर्तमान मालखेड या शोलापुर के निकट)
  3. धर्म - शैव, वैष्णव, व जैन धर्म के अनुयायी 


  1. राष्ट्रकूट वंश के प्रमुख शाषक –
    1. कृष्ण I - एलोरा के प्रसिद्ध कैलाश मंदिर का निर्माण
    2. अमोघवर्ष - जैनधर्म का अनुयायी , कन्नड़ में कविराजमार्ग की रचना की 
    3. इंद्र III - अरब निवासी अलमसूदी भारत आया
    4. कृष्ण III - अंतिम महान शाषक


6. चोल

  1. संस्थापक - विजयालय (850-87 ई)
  2. उपाधि - नरकेसरी, [ निशुम्भसूदनी देवी के मंदिर का निर्माण ] 
  3. राजधानी - तांजाय (तंजौर या तंजावुर)
  4. चोल वंश के प्रमुख राजा - परांतक-I, राजराज-I, राजेंद्र-I, राजेंद्र-II, कुलोंतुंग


      1. राजराज-I - शैव धर्म अनुयायी , [ तंजौर में राजराजेश्वर का शिवमंदिर ]
      2. राजेंद्र-I - चोल वंश का सर्वाधिक विस्तार किया 
      3. राजेंद्र-II - प्रकेसरी की उपाधि
  1. अंतिम राजा - राजेंद्र-III था


इसके अलावा और बी कई वंश हुए जैसे

यादव वंश, होयसल वंश, कदम्ब वंश, गंगवंश, काकतीय वंश


[13]. सीमावर्ती राजवंशो का उदय 

पालवंशसेनवंश - कश्मीर के राजवंश


1. पालवंश 

  1. संस्थापक - गोपाल (750 ई), बौद्ध धर्म अनुयायी
  2. राजधानी - मुंगेर
  3. प्रमुख शाषक - धर्मपाल, देवपाल, नारायणपाल, महिपाल, नयपाल
  4. सबसे महान शाषक - धर्मपाल [विक्रमशीला विश्वविद्यालय की स्थापना की ] उपाधि - उत्तरापथ स्वामी           


2. सेनवंश

  1. संस्थापक - सामंत सेन 
  2. राजधानी - नदिया (लखनौती)
  3. प्रमुख शाषक - विजयसेन, बल्लाल सेन, लक्ष्मण सेन 
  4. प्रथम स्वंतंत्र शाषक - विजयसेन (शैव धर्म अनुयायी)

[देवपाडा में विशाल शिव मंदिर प्रद्दुमनेश्वर मंदिर का निर्माण ]


3. कश्मीर के राजवंश

    1. कार्कोट वंश 
      1. संस्थापक - दुर्लभवर्धन (627 ई)
      2. सबसे मुख्य राजा - ललितादित्य मुक्तापीड [ कश्मीर के मार्तण्ड का सूर्य मंदिर का निर्माण ]
    2. उत्पल वंश
      1. संस्थापक - अवन्तिवर्मन 
  1. लोहार वंश 
    1. संस्थापक - संग्रामराज
    2. अंतिम शाषक - जयसिंह (1128-1155 ई) 


[14]. राजपूत राजवंश

इसके बाद कई राजपूत वंशो का उदय हुआ जैसे -

गुर्जर प्रतिहार वंश, गहडवाल (राठौर) राजवंश, चौहान वंश, परमार वंश, चंदेल वंश, सोलंकी वंश, सिसोदिया वंश

इसके बाद मुगल शासकों ने शासन किया जिनके काल को मध्यकालीन भारत का इतिहास कहा जाता है इसके बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए यह लेख पढ़ें।



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