आधुनिक भारत के इतिहास की शुरुआत भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों के आगमन से हुई| भारत में सबसे पहले 1498 ईसवी में पुर्तगाली आए फिर 1596 ईस्वी में डच आए उसके बाद 1609 ईसवी में अंग्रेजो की ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत पर शाषन किया| 1616 ईसवी में डेनमार्क के लोग भी भारत आए पर जल्दी ही अपने अधिकार क्षेत्रों को अंग्रेजो को बेच क्र चले गए| 1664 ईसवी में फ़्रांसिसी भी आए लेकिन बहुत प्रयासों के बाद भी अंग्रेजो की सामने टिक नही पाए और 1761 ईसवी तक उनका काल भी समाप्त हो गया| इस ब्लॉग में मैंने भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों के आगमन को बड़े ही सरल शब्दों में लिखने का प्रयास किया है उम्मीद है आपको पसंद आए| तो चलिए बिना देर किए अपने टॉपिक की सुरुआत करते है |
आधुनिक भारत
भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों का आगमन
भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों के आगमन का क्रम इस प्रकार हे
पुर्तगाली - डच – अंग्रेज - डेनिश - फ्रांसीसी
1. पुर्तगाली
1498 ईसवी में वास्कोडिगामा कालीकट बंदरगाह यानी आज के कोलकाता आया
1505 ईसवी में फ्रांसिस्को द अल्मेड़ा भारत में प्रथम पुर्तगाली वायसराय बनकर आया
1509 ईसवी में अल्फांसो द अल्बुकर्क भारत में पुर्तगालियों का वायसराय बना
1510 ईस्वी में अल्फांसो द अल्बुकर्क ने बीजापुर के युसूफ आदिलशाह से गोवा को जीता
पुर्तगालियों ने अपनी पहली व्यापारिक फैक्ट्री कोचीन में खोली
तम्बाकू की खेती तथा प्रिंटिंग प्रेस का आरम्भ किया
2. डच
पुर्तगालियों के बाद भारत में डच आए
1596 ईस्वी में पहला डच यात्री कार्नेलियन हाऊटमेन भारत के पूर्व सुमात्रा पहुंचा
1605 ईस्वी में पहली व्यापार फैक्ट्री मसूलीपट्टनम में स्थापित की गई
दूसरी व्यापार फैक्ट्री पुलिकट में स्थापित की जहां उन्होंने अपने स्वर्ण सिक्के पैगोडा को ढाला
1759 ईस्वी में डचों का पतन अंग्रेजों एवं डचों के मध्य हुए वेदरा के युद्ध से हुआ
अप्रैल 1609 ईसवी में मुगल दरबार में जाने वाला प्रथम अंग्रेज कैप्टन हॉकिंस था जो जेम्स प्रथम के राजदूत के रूप में जहांगीर के दरबार में आया
भारत आने वाला पहला अंग्रेजी जहाज रेड ड्रैगन था
1611 ईसवी में दक्षिण पश्चिम समुद्र तट पर सर्वप्रथम अंग्रेजों ने मसूलीपट्टनम में व्यापारिक फैक्ट्री की स्थापना की
4. डेनिश
1616 ईसवी में डेनमार्क की व्यापारिक कंपनी का गठन हुआ
पहली व्यापारिक फैक्ट्री त्रेंकोबार (तमिलनाडु) तथा सेरामपुर (बंगाल) में स्थापित की
डेनिश कंपनी ने निकोबार द्वीप पर अपने अधिकार अंग्रेजों को बेच दिए तथा भारतीय क्षेत्र से उनका नियंत्रण समाप्त हो गया
5. फ्रांसीसी
1664 ईसवी में लुई चौदहवें के समय फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई
1668 ईसवी में भारत में फ्रांस ने विश्व की प्रथम कोठी सूरत में स्थापित की
1674 ईस्वी में फ्रांसीसी कंपनी के निदेशक फ्रैंक्विस मार्टिन ने वालीकोंडापुर के सूबेदार शेरखान लोदी से पुदुचेरी (पांडिचेरी) जीता
1746-1748 ईसवी में प्रथम कर्नाटक युद्ध हुआ जो ऑस्ट्रेलिया के उत्तराधिकारी युद्ध की समाप्ति से समाप्त हुआ
1749-1754 ईसवी में द्वितीय कर्नाटक युद्ध हुआ जो फ्रांसीसी गवर्नर ढोकले की हार और उसे वापस बुला लिया गया
1756-1767 ईसवी में तृतीय कर्नाटक युद्ध हुआ जो पेरिस की संधि होने पर समाप्त हुआ
1760 ईसवी में अंग्रेजी सेना ने आयरकूट के नेतृत्व में वांडीवाश की लड़ाई में फ्रांसीसीयों को बुरी तरह हराया
1761 ईसवी में अंग्रेजों ने पांडिचेरी को फ्रांसीसी उसे छीन लिया
इसके पहले भारत पर मुगलों का शासन था। मुगलों के बारे में अधिक जानकारी के लिए यह लेख पढ़ें| उम्मीद है आपको इस पोस्ट में उपयुक्त जानकारी मिली होगी| इस पोस्ट से सम्बंधित सुझाव आप कमेंट बॉक्स में लिखकर दे सकते है|
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