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प्रथ्वी का वायुमंडल | Earth's Atmosphere in hindi

प्रथ्वी के वायुमंडल में विभिन्न प्रकार की गैसें पायी जाती है जैसे नाइट्रोजन, ऑक्सीजन, कार्बन डाइऑक्साइड आदि| प्रथ्वी के वायुमंडल के बाहर के क्षेत्र को क्रमशः 5 भागों में बांटा गया है| क्षोभमंडल, समतापमंडल, ओजोनमंडल, आयनमंडल और बाह्यमंडल जिसके बारे में निचे विस्तार में बताया गया है| इसके अलावा हम वायुमंडल गर्म तथा ठंडा होने की विधियों का अध्ययन करेंगे| और 4 प्रकार के वायुदाबीय कटिबंध को भी समझेंगे|

  1. वायुमंडल
  2. नाइट्रोजन
  3. ऑक्सीजन
  4. कार्बन डाइऑक्साइड
  5. ओजोन
  6. जलवाष्प
  7. क्षोभमंडल
  8. समतापमंडल
  9. ओजोनमंडल
  10. आयनमंडल
  11. बाह्यमंडल
  12. वायुमंडल गर्म तथा ठंडा होने की विधियां
    1. विकिरण  (Radiation)
    2. संचालन (Conduction)
    3. संवहन (Convection)
    4. अभिवहन (Advection)
  13. समताप रेखा (Isotherm)
  14. समदाब रेखा (Isobar)
  15. वायुदाबीय कटिबंध

A.      विषुवत रेखीय निम्न वायुदाब

B.      उपोष्ण उच्च वायुदाब

C.      उपध्रुवीय निम्न वायुदाब

D.     ध्रुवीय उच्च वायुदाब

 

1.  वायुमंडल (Atmosphere) :-

     वायुमंडल के ऊपरी परत के अध्ययन को वायुर्विज्ञान (Aerology) कहते हैं|

     वायुमंडल की निचली परत के अध्ययन को ऋतु विज्ञान (Meteorology) कहते हैं|

     वायुमंडल में 30 मील के अंदर विभिन्न गैसों का मिश्रण पाया जाता है|

     वयुमंदालिया गैसों में नाइट्रोजन 78.07% ऑक्सीजन 20.93% कार्बन डाइऑक्साइड 0.03% और ऑर्गन 0.93% पाई जाती है|

 

2. नाइट्रोजन (Nitrogen) :-

     नाइट्रोजन की प्रतिशत मात्रा सभी गैसों से अधिक होती है|

     इसकी उपस्थिति के कारण ही वायुदाब पवनों की शक्ति तथा प्रकाश के परावर्तन का आभास होता है|

     नाइट्रोजन में कोई रंग गंध अथवा स्वाद नहीं होता|

     यह वस्तुओं को तेजी से जलने से बचाती है|

     यदि वायुमंडल में नाइट्रोजन ना हो तो आग पर नियंत्रण रखना कठिन हो जाएगा |

     नाइट्रोजन से पेड़ पौधों में प्रोटीन का निर्माण होता है|

     नाइट्रोजन वायुमंडल में 128 किमी की ऊंचाई तक फैली है

 

3. ऑक्सीजन (Oxygen) :-

     ऑक्सीजन एक ज्वलनशील पदार्थ है|

     ऑक्सीजन के अभाव में हम ईंधन नहीं जला सकते|

     यह ऊर्जा का मुख्य स्रोत है|

     ऑक्सीजन वायुमंडल में 64 किमी की ऊंचाई तक फैली है|

     16 किलो मीटर से ऊपर जाकर ऑक्सीजन की मात्रा बहुत कम हो जाती है|

 

4. कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide) :-

     कार्बन डाइऑक्साइड सबसे भारी गैस है|

     कार्बन डाइऑक्साइड सबसे निचली परत में मिलती है|

     कार्बन डाइऑक्साइड गैसों का विस्तार 32 किलोमीटर की ऊंचाई तक है|

     यह वायुमंडल की निचली परत को गर्म रखती है

     यह ग्रीन हाउस प्रभाव के लिए उत्तरदायी है|

 

5. ओजोन (Ozon) :-

     यह गैस ऑक्सीजन का ही एक विशेष रूप है|

     वायुमंडल में अधिक ऊंचाइयों पर ही अति न्यून मात्रा में मिलती है |

     सूर्य से आने वाली तेज पराबैंगनी विकिरण के कुछ अंश को अवशोषित कर देती है|

     यह 10 से 50 किलोमीटर की ऊंचाई तक केंद्रित है |

 

6. जलवाष्प :-

     सबसे अधिक परिवर्तनशील तथा असमान वितरण वाली गैस है|

     संपूर्ण जलवाष्प का 90% भाग 8 किलोमीटर की ऊंचाई तक सीमित है|

     जलवाष्प के संगठन होने के कारण बादल वर्षा कोहरा ओस हिम आदी का निर्माण होता है|

     यह पृथ्वी के लिए कंबल का काम करता है|

     इसकी उपस्थिति से पृथ्वी ना तो ज्यादा गर्म होती है ना ज्यादा ठंडी|

 

7. क्षोभमंडल (Troposphere) :-

     वायुमंडल की सबसे निचली परत क्षोभमंडल (Troposphere) कहलाती है|

     क्षोभमंडल की ऊंचाई ध्रुवों पर 8 किमी तथा विषुवत रेखा पर 18 किमी होती है|

     तापमान में गिरावट की दर प्रत्येक 1 किमी की ऊंचाई पर 6.4°C कम  हो जाती है|

     क्षोभमंडल में घटने वाली मुख्य वायुमंडलीय घटना बादल, आंधी, वर्षा आदि है|

     क्षोभमंडल को संवहन मंडल और अधोमंडल भी कहते हैं|


Troposphere in hindi

 

8. समतापमंडल (Stratosphere) :-

     इसमें ताप सामान रहता है|

     यह 18 से 32 किमी ऊंचाई तक फेला है|

     कभी-कभी विषुवत रेखा पर समतापमंडल का लोप हो जाता है |

     मौसमी घटनाएं आंधी बिजली वर्षा नहीं होती |

     समतापमंडल में वायुयान उड़ाने की आदर्श दशा पाई जाती है|

     कभी-कभी विशेष मेघों का निर्माण होता है जिन्हें मूलआभ मेघ (Mother of pearl cloud) कहते हैं|

 

Earth's Atmosphere



9. ओजोनमंडल (Ozonosphere) :-

     ऊंचाई धरातल से 32 से 60 किमी के मध्य है|

     ओजोनमंडल में ओजोन गैस की परत पाई जाती है जो सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को अवशोषित कर लेती है इसलिए इसे पृथ्वी का सुरक्षा कवच कहते हैं|

     ओजोन परत को नष्ट करने वाली गैस CFC क्लोरोफ्लोरोकार्बन है जो एसी रेफ्रिजरेटर आदि से निकलती है|

     ओजोन परत की मोटाई नापने में डाब्सन इकाई का प्रयोग किया जाता है|

     ओजोनमंडल में प्रत्येक 1 किलोमीटर की ऊंचाई पर 5°C की वृद्धि होती है|


Structure of Atmoshere


 

10. आयनमंडल (Ionosphere) :-

     ऊंचाई धरातल से 60 से 640 किमी तक होती है|

     आयनमंडल में सबसे नीचे स्थित D-layer से long radio wave परावर्तित होती है|

     आयनमंडल में E1, E2 F1, F2 परतों से short radio wave परावर्तित होती है|

     रेडियो टेलीविजन टेलीफोन एवं रेडार की सुविधा इसी मंडल से मिलती है|

     संचार उपग्रह इसी मंडल में अवस्थित होते हैं|

 

11. बाह्यमंडल (Exosphere) :-

     640 किमी से ऊपर का भाग बाह्यमंडल (Exosphere) कहलाता है|

     बाह्यमंडल की कोई ऊपरी सीमा निर्धारित नहीं है|

     बाह्यमंडल में हाइड्रोजन एवं हीलियम गैस की प्रधानता होती है|

 

12. वायुमंडल गर्म तथा ठंडा होने की विधियां  :-

  1. विकिरण (Radiation)
  2. संचालन (Conduction)
  3. संवहन (Convection)
  4. अभिवहन (Advection)

 

A.      विकिरण (Radiation) :-

     यह क्रिया बिना किसी माध्यम के होती है जिसमें किसी पदार्थ के ऊष्मा तरंगों के संचार द्वारा सीधे गर्म होने को विकिरण कहते हैं| जैसे – सौर विकिरण से प्रथ्वी का गर्म होन तथा वायुमंडल का गर्म होना|

     पृथ्वी पर पहुंची किरणों का बहुत सा भाग पुनः वायुमंडल में चला जाता है इसे भौमिक विकिरण (Terrestrial Radiation) कहते हैं|

     भौमिक विकिरण अधिक लंबी तरंगों वाली किरण होती है जिसे वायुमंडल सुगमता से अवशोषित कर लेता है|

     वायुमंडल सूरज से आने वाले सौर विकिरण की अपेक्षा भौमिक विकिरण से अधिक गर्म होता है|

 

B.  संचालन (Conduction) :-

     जब असामान ताप की दो वस्तुएं एक साथ रखी जाती है तो अधिक ताप वाली वस्तु कम ताप वाली वस्तु की ओर तब तक ऊष्मा प्रवाहित करती है|जब तक दोनों वस्तुओं का ताप सामान ना हो जाए|

     इससे वायुमंडल की केवल निचली परत गर्म होती है|

 

C. संवहन (Convection) :-

     यह प्रक्रिया गैस अथवा तरल पदार्थों में होती है|

     गैसिये या तरल पदार्थ के एक भाग से दूसरे भाग की ओर उसके अणुओं द्वारा ऊष्मा के संचार को संवहन कहते हैं|

     जब वायुमंडल की निचली परत विकिरण व संचालन से गर्म हो जाती है तो उसकी वायू फैलती है| जिससे वायु का घनत्व कम होता है और वह ऊपर उठती है ऊपर की ठंडी वायू उसका स्थान लेने नीचे आती है कुछ देर बाद वह भी गर्म हो जाती है इस प्रकार संवहन प्रक्रिया द्वारा वायुमंडल क्रमशः नीचे से ऊपर गर्म होता रहता है|

 

D.  अभिवहन (Advection) :-

·         ऊष्मा का क्षैतिज दिशा में स्थानांतरण अभिवहन (Advection) कहलाता है|

·         गर्म वायु राशियां जब ठंडे इलाकों में जाती है तो उन्हें गर्म कर देती हैं|

·         ऊष्मा का संचार निम्न अक्षांश क्षेत्रों से उच्च अक्षांश क्षेत्रों तक वायु तथा समुद्री धाराओं  द्वारा होता है|

 

13. समताप रेखा (Isotherm) :-

     वह काल्पनिक रेखा जो सामान तापमान वाले स्थानों को मिलाती है समताप रेखा (Isotherm) कहलाती है|

     यह काल्पनिक रेखाएं पूर्व पश्चिम दिशा में अक्षांशों के समानांतर खींची जाती हैं|

     एक ही अक्षांश पर स्थित सभी स्थानों पर समान तापमान होता है|

     ताप बदलने की दर को ताप प्रवणता कहते हैं|

     समताप रेखाओं के बीच की दूरी से ताप बदलने की दर का अनुमान लगाया जाता है|

     यदि समताप रेखाएं निकट होती है तो ताप‌ बदलने की दर अधिक होते है|

     यदि समताप रेखाएं दूर होती हैं तो ताप बदलने की दर कम होती है|

 

14.  समदाब रेखा (Isobar):-

     वह कल्पित रेखा जो समान वायुदाब वाले स्थानों को मिलाती है समदाब रेखा (Isobar) कहलाती है|

     वायुदाब को मानचित्र पर समदाब रेखा द्वारा दर्शाया जाता है|

     दाब बदलने की दर को दाब प्रवणता कहते हैं|

     जब समदाब रेखा एक दूसरे के दूर होती है तो दाब प्रवणता कम होती है|

     जब समदाब रेखा एक दूसरे के पास होती है तो दाब प्रवणता अधिक होती है|

 

15. वायुदाब कटिबंध :-

 

Air Pressure Zone


A.      विषुवत रेखीय निम्न वायुदाब :-

 

     यह पेटी भूमध्य रेखा से 10 ° उत्तरी तथा 10° दक्षिणी अक्षांश के बीच स्थित है|

     यहां सालों भर सूर्य की किरणें लंबवत पड़ती है|

     जिस कारण तापमान हमेशा ऊंचा रहता है|

     धरातलीय क्षैतिज पवने नहीं चलती|

     अधिक तापमान के कारण वायु हल्की होकर ऊपर उठती है |

 

B.      उपोषण उच्च वायुदाब :-

·         उत्तरी गोलार्ध्द में कर्क रेखा से 35° अक्षांश तक का क्षेत्र तथा दक्षिणी गोलार्ध्द में मकर रेखा से 35° अक्षांश तक का क्षेत्र उपोषण उच्च वायुदाब कहलाता है|

·         विषुवत रेखीय कटिबंध से गर्म होकर उठने वाली वायु ठंडी और भारी होकर कर्क तथा मकर रेखाओं से 35° अक्षांशो के बीच नीचे उतरती है|

 

C.      उपध्रुवीय निम्न वायुदाब :-

     45° उत्तरी अक्षांश से आरकटीक वृत्त तथा 45°दक्षिणी अक्षांश से अंटार्कटिक वृत्त के बीच का क्षेत्र उपध्रुवीय निम्न वायुदाब क्षेत्र कहलाता है|

     आरकटीक तथा अंटार्कटिक वृत्तों के बीच निम्न वायु भर की पेटिया पाई जाती है जिन्हें उपध्रुवीय निम्न वायुदाब कहते हैं|

 

D. ध्रुवीय उच्च वायुदाब :-

     80° उत्तरी अक्षांश से उत्तरी ध्रुव तक तथा 80° दक्षिणी अक्षांश से दक्षिणी ध्रुव तक के क्षेत्र में उच्च वायूदाब पेटियां पाई जाती है|

 

इस प्रकार हमने प्रथ्वी के वायुमंडल का विस्तार से अध्ययन किया| इसके अतिरिक्त यदि आप प्रथ्वी के भूगोल के बारे में विस्तार से जानना चाहते है तो यह लेख पढ़ें|



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