Skip to main content

पृथ्वी का जलमंडल | Earth's Hydrosphere in hindi

प्रथ्वी की बाह्य सतह को मुख्यत 4 भागों में बनता गया है| स्थलमंडल, जलमंडल, वायुमंडल और जैवमंडल| आज के इस ब्लॉग में हम जलमंडल के बारे में पढ़ेंगे| प्रथ्वी की सतह का 70% भाग जल से घिरा है यह जलमंडल कहलाता है| आइये इसके बारे में विस्तार से पढ़ते है| विषय सामग्री की सूची निचे दी गई है|  

  1. जलमंडल (Hydrosphere)
  2. समुद्र
  3. खाडी (Bay)
  4. सम लवणता रेखा (Isohaline)
  5. प्रशांत महासागर
  6. अटलांटिक महासागर
  7. हिंद महासागर
  8. आर्कटिक महासागर
  9. अंटार्कटिक महासागर
  10. महासागरीय जलधाराएं
    1. गर्म जलधारा
    2. ठंडी जलधारा
  11. ला-नीना व एल-नीनो
  12. ज्वार-भाटा

 

1.       जलमंडल (hydrosphere):-

     संपूर्ण पृथ्वी का 3/4 भाग जल से घिरा है और यह जलमंडल कहलाता है|

     जलमंडल का वह भाग जिसकी कोई सीमा ना हो महासागर कहलाता है|

     उत्तरी गोलार्ध्द का 60.7 % भाग महासागरों से घिरा है|

     दक्षिणी गोलार्ध्द का 80.9 % भाग महासागरों से घिरा है|

     महासागरीय जल के 2 महत्वपूर्ण गुण - तापमान एवं लवणता है|

     सबसे बड़ा महासागर प्रशान्त महासागर है|


Ocean Map


2. समुद्र :-

जल मंडल का वह भाग जो 3 तरफ जल से गिरा हो और एक तरफ महासागर से मिला हो समुद्र कहलाता है|

3. खाडी (Bay):-

इसका दो किनारा स्थल से घिरा होता है एक तरफ टापूओं का समूह और दूसरी तरफ का मुहाना समुद्र से मिला होता है|

4. समलवणता रेखा (Isohaline) :-

     समान कार्य वाले स्थानों को मिलाकर खींची गई रेखा को समग्रता रेखा (Isohaline) कहते हैं|

     तुर्की की वान झील की लवणता सबसे अधिक 330 % है|

     दूसरा मृत सागर 238 % है|

 

Pacific Ocean

5. प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) :-

     प्रशांत महासागर (Pacific Ocean) सबसे बडा महासागर है यह धरातल का 1/3 भाग ढकता है|

     प्रशांत महासागर की आकृति त्रिभुजाकार है|

     इसके शीर्ष बेरिंग जलडमरूमध्य पर व आधार अंटार्कटिका महाद्वीप पर है|

     पूरब में उत्तरी तथा दक्षिणी अमेरिका स्थित है|

     पश्चिम में एशिया ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप स्थित है|

     दक्षिण में अंटार्कटिका महाद्वीप स्थित है|

     प्रशांत महासागर की मुख्य विशेषता यहाँ पाई जाने वाली प्रवाल भित्ति है|

     ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड के समीप ग्रेट बैरियर रीफ संसार की सबसे बड़ी प्रवाल भित्ति है|

 

Atlantic Ocean


6. अटलांटिक महासागर (Atlantic Ocean) :-

     अटलांटिक महासागर (Atlantic Ocean) संपूर्ण संसार का छठा भाग है|

     अटलांटिक महासागर का क्षेत्रफल प्रशांत महासागर से आधा है|

     इसकी आकृति अंग्रेजी के S आकार से मिलती जुलती है|

     पूर्व में यूरोप और अफ्रीका स्थित है|

     पश्चिम में उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका स्थित है|

     उत्तर में ग्रीनलैंड हडसन की खाड़ी और बाल्टिक सागर स्थित है|

     दक्षिण में अंटार्कटिका स्थित है|

     अटलांटिक महासागर की मुख्य विशेषता मध्य अटलांटिक कटक (Mid Atlantic Ridge) है|

     अटलांटिक महासागर व्यापार के दृष्टिकोण से सबसे अधिक व्यस्त महासागर है|

     सबसे लंबी तटरेखा व अच्छे बंदरगाह यही मौजूद है|

 

Indian Ocean


7. हिंद महासागर (Indian Ocean) :-

     पूर्व में ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप स्थित है|

     पश्चिम अफ्रीका महाद्वीप स्थित है|

     उत्तर में एशिया महाद्वीप स्थित है|

     दक्षिण में अंटार्कटिका महाद्वीप स्थित है|

     हिंद महासागर एक तरफ प्रशांत महासागर और दूसरी तरफ अटलांटिक महासागर से मिला है|

     हिंद महासागर का सबसे बड़ा द्वीप मेडागास्कर है

     दो वास्तविक तटवर्ती सागर - लाल सागर और फारस की खाड़ी यही उपस्थित है|

 

Arctic Ocean


8. आर्कटिक महासागर (Arctic Ocean) :-

     आर्कटिक महासागर उत्तरी ध्रुव के चारों ओर स्थित है|

     आर्कटिक महासागर आर्कटिक वृत्त के अंदर स्थित है|

     वास्तव में यह अटलांटिक महासागर का उत्तरी विस्तार है|

     यह यूरोप एशिया एवं उत्तर अमेरिका के उत्तरी तटों से घिरा है|

     इसका अधिकांश भाग वर्षभर हिम की मोटी परतों से ढका रहता है|

 

Antarctic Ocean


9. अंटार्कटिक महासागर (Antarctic Ocean) :-

      अंटार्कटिक महासागर पाँच विशाल महासागरों मे से चौथा सबसे बड़ा महासागर है|

     अंटार्कटिक महासागर को दक्षिणध्रुवीय महासागर भी कहा जाता है|

     यह संपूर्ण अंटार्कटिक महाद्वीप को घेरे हुए हैं|

     कुछ भूगोलवेताओं के अनुसार यह एक स्वतंत्र महासागर ना होकर प्रशांत महासागर हिंद महासागर और अटलांटिक महासागर का दक्षिणी विस्तार है|

 

10. महासागरीय जलधाराएं :-

     एक निश्चित दिशा में बहुत दूरी तक महासागरीय जल के प्रवाह को महासागरीय जलधारा कहते हैं|

     महासागरीय जलधाराएं दो प्रकार की होती है - गर्म जलधारा और ठंडी जलधारा

 

  1. गर्म जलधारा :-

     निम्न अक्षांशों में उष्णकटिबंधों से उच्च समशीतोष्ण कटिबंधों की ओर बहने वाली जलधारा गर्म जलधारा कहलाती है|

     इनके जल का तापमान मार्ग में आने वाले जल के तापमान से अधिक होता है|

     यह जहां बहती हैं वहां के जल का तापमान बढ़ा देती हैं|

 

  1. ठंडी जलधारा :-

     उच्च अक्षांशों से निम्न अक्षांश और की ओर बहने वाली जलधारा ठंडी जलधारा कहलाती है|

     इनके जल का तापमान मार्ग में आने वाली जल के तापमान से कम होता है|

     यह जहां बहती है वहां के जल का तापमान घटा देती है|

 

11. ला-नीना व एल-नीनो :-

ला-नीना :-

     ला नीना एक शीतल जलधारा है|

     जिसकी उत्पत्ति पैरों के तटवर्ती क्षेत्रों में होती है|

एल-नीनो :-

     एल नीनो एक गर्म जलधारा है|

     जिसकी उत्पत्ति पैरों के तट पर समानांतर उत्तर से दक्षिण की ओर होती है|

 

12. ज्वार-भाटा :-

     सागरीय जल के ऊपर उठकर आगे बढ़ने को ज्वार (Tide) कहते है|

     सागरीय जल के नीचे गिर कर पीछे लौटने को भाटा (Ebb) कहते है|

     चंद्रमा का ज्वार उत्पादक बल सूर्य की अपेक्षा दुगुना होता है|क्योंकि यह सूर्य की तुलना में पृथ्वी के अधिक निकट है|

     अमावस्या और पूर्णिमा के दिन उच्च ज्वार उत्पन्न होता है|

     दोनों पक्षों की सप्तमी अष्टमी को निम्न ज्वार उत्पन्न होता है|

     दिन में दो बार ज्वार आते हैं| एक चंद्रमा के आकर्षण से और दूसरा पृथ्वी के अपकेंद्रीय बल के कारण|

 

इस प्रकार हमने प्रथ्वी के जलमंडल के बारे में संछिप्त में पढ़ा और यदि आप प्रथ्वी के वायुमंडल के बारे में भी संचिप्त में पढना चाहते है तो यह लेख पढ़ें|

Comments

popular posts

भारत के राष्ट्रपति व उपराष्ट्रपति का निर्वाचन, कार्यकाल एवं शक्तियां | President and vice president of india

संघीय कार्यपालिका :- भारतीय संविधान के भाग 5 के अनुच्छेद 52 से 78 तक के अधीन संघीय कार्यपालिका का उल्लेख किया गया है। भारत में संसदीय शासन प्रणाली अस्तित्व में है जो ब्रिटिश शासन पद्धति पर आधारित है। इस संसदीय प्रणाली में दो प्रकार की कार्यपालिका प्रमुख का प्रावधान किया गया है। 1)     संवैधानिक प्रमुख 2)     वास्तविक प्रमुख   राष्ट्रपति :- ·          संविधान के अनुच्छेद 52 में राष्ट्रपति पद का प्रावधान किया गया है। ·          राष्ट्रपति भारत का प्रथम नागरिक कहलाता है| ·          राष्ट्रपति का पद सर्वाधिक सम्मान गरिमा तथा प्रतिष्ठा का पद है। ·          राष्ट्रपति राष्ट्र का अध्यक्ष होता है विधेयक के अंदर की समस्त कार्यपालिका शक्ति उसमें निहित होती है। ·          अनुच्छेद 56 के अनुसार राष्ट्रपति का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है लेकि...

History of modern india in hindi । भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों का आगमन

  आधुनिक भारत के इतिहास की शुरुआत भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों के आगमन से हुई| भारत में सबसे पहले 1498 ईसवी में पुर्तगाली आए फिर 1596 ईस्वी में डच आए उसके बाद 16 0 9 ईसवी में अंग्रेजो की ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारत पर शाषन किया| 1616 ईसवी में डेनमार्क के लोग भी भारत आए पर जल्दी ही अपने अधिकार क्षेत्रों को अंग्रेजो को बेच क्र चले गए| 16 6 4 ईसवी में फ़्रांसिसी भी आए लेकिन बहुत प्रयासों के बाद भी अंग्रेजो की सामने टिक नही पाए और 1761 ईसवी तक उनका काल भी समाप्त हो गया| इस ब्लॉग में मैंने भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों के आगमन को बड़े ही सरल शब्दों में लिखने का प्रयास किया है उम्मीद है आपको पसंद आए| तो चलिए बिना देर किए अपने टॉपिक की सुरुआत करते है | आधुनिक भारत  भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों का आगमन भारत में यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों के आगमन का क्रम इस प्रकार हे  पुर्तगाली - डच – अंग्रेज - डेनिश - फ्रांसीसी 1. पुर्तगाली 1498 ईसवी में वास्कोडिगामा कालीकट बंदरगाह यानी आज के कोलकाता आया 1505 ईसवी में फ्रांसिस्को द अल्मेड़ा भारत में प्रथम पुर्तगाली वायसरा...