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भारतीय संविधान की रचना, विशेषताएँ एवं अनुसूचियां | Indian Constitution in hindi

 भारतीय संविधान Indian Constitution:-

 ·         संविधान वह सर्वोच्च विधि होती है जो किसी देश में राजनैतिक, सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक तथा मानवीय मूल्यों एवं संस्थाओं की स्थापना करती है।
·         भारत ने स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद आधुनिक मूल्यों एवं संस्थाओं को स्थापित करने के लिए एक लिखित संविधान अपनाया।
·         भारतीय संविधान विश्व का सबसे विशाल सविधान है।
·         इसके निर्माण में 2 वर्ष 11 माह और 18 दिन का समय लगा| इसमें आरम्भ में 395 अनुछेद, 22 भाग और 8 अनुसूचीयां थी। वर्तमान में 12 अनुसूचीयाँ थी|
·         संविधान का निर्माण देश के प्रत्येक प्रांत से चुने गए प्रतिनिधियों की संविधान सभा द्वारा किया गया।
·         संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निर्धारित की गई| जिसमें 292 ब्रिटिश प्रांतों से, 93 विदेशी रियासतों से एवं 4 कमिशनर क्षेत्रों के प्रतिनिधि दिल्ली, अजमेर-मारवाड़, कुर्ग एवं ब्रिटिश बलूचिस्तान से थे।

 

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संविधान सभा की रचना:-

 ·         1924 ईस्वी में भारत के लिए संविधान सभा की रचना हेतु संविधान सभा का विचार सर्वप्रथम स्वराज्य पार्टी ने रखा।
·         जुलाई 1946 ईस्वी में भारतीय संविधान के निर्माण करने वाली संविधान सभा का गठन किया गया।
·         संविधान सभा के सदस्यों की कुल संख्या 389 निश्चित की गई थी जिनमें 292 ब्रिटिश प्रांतों के प्रतिनिधि 4 चीफ कमिशनर क्षेत्रों के प्रतिनिधि एवं 93 देसी रियासतों के प्रतिनिधि थे।
·         9 दिसंबर 1946 को संविधान सभा का प्रथम अधिवेशन संपन्न हुआ।
·         9 दिसंबर 1946 ईस्वी को संविधान सभा की प्रथम बैठक नई दिल्ली में स्थित काउंसिल चेंबर के पुस्तकालय भवन में हुई।
·         संविधान सभा में महिला सदस्यों की संख्या 15 थी।
·         मुस्लिम लीग ने संविधान सभा की पहली बैठक अविष्कार किया था।
·         डॉ सच्चिदानंद सिन्हा ने संविधान सभा के प्रथम अधिवेशन की अध्यक्षता की थी जो इस सभा के अस्थायी अध्यक्ष नियुक्त किये गए|
·         11 दिसंबर 1946 को डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थायी अध्यक्ष ने नियुक्त किया गया।
·         13 दिसंबर 1946 ईस्वी को जवाहरलाल नेहरू ने संविधान सभा के समक्ष उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया जो संविधान का आधार बना|
·         22 जनवरी 1947 ईस्वी को उद्देश्य प्रस्ताव की स्वीकृति के बाद संविधान सभा ने संविधान निर्माण हेतु अनेक समितियां नियुक्त की।
·         जिनमें सबसे प्रमुख डॉट भीमराव अंबेडकर के दक्षता में बनी 7 सदस्यों की प्रारुप समिति थी।
·         26 नवंबर 1949 को संविधान की अंगीकृत किया गया जिस पर 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए।
·         26 नवंबर 1950 को भारतीय संविधान लागू किया गया।
·         डॉ भीमराव अंबेडकर को भारतीय संविधान के जनक के रूप में जाना जाता है।
·         संविधान सभा की अंतिम बैठक 24 जनवरी 1950 को हुई और इसी दिन संविधान सभा द्वारा डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद को भारत का प्रथम राष्ट्रपति चुना गया।


भारतीय संविधान की विशेषताएं:-

 ·         लिखित एवं लोक निर्मित संविधान 
·         विभिन्न संविधानों से मिलकर बना
·         नम्य एवं अनम्य का मिश्रण
·         विश्व का सबसे लंबा एवं विस्तृत संविधान
·         एकात्मक एवं संघात्मक शासन का समन्वित रूप
·         मौलिक अधिकारों की‌ न्यायिक प्रकृति
·         स्वतंत्रत व निष्पक्ष न्याय प्रणाली
·         लोकतांत्रिक व्यवस्था
·         एकल नागरिकता
·         सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार



प्रस्तावना:-

पंडित जवाहरलाल नेहरु द्वारा प्रस्तुत उद्देश्य संकल्प में जो आदर्श प्रस्तुत किया गया उन्हें ही संविधान की उद्देशिका में शामिल कर लिया गया।


प्रस्तावना की मुख्य बातें:-

·         संविधान की प्रस्तावना को संविधान की पूंजी कहा जाता है।
·         प्रस्तावना के अनुसार सविधान के अधीन समस्त शक्तियों का केंद्र बिंदु अथवा स्त्रोत भारत के लोग है।
·         प्रस्तावना को न्यायालय में परिवर्तित नहीं किया जा सकता।
·         संसद संविधान के मूल ढांचे में नकारात्मक संशोधन नहीं कर सकती लेकिन ऐसा संशोधन कर सकती हे जिससे संविधान के मूल ढांचे का विस्तार व मजबूतीकरण हो|
·         42 वें संविधान संशोधन अधिनियम 1976 के द्वारा इसमें समाजवादी, पंथ निरपेक्ष और राष्ट्र की अखंडता शब्द जोड़े गए।


भारतीय संविधान के विदेशी स्त्रोत:-

भारत के संविधान के निर्माण में ने विदेशों के संविधान से सहायता ली गई है। जिसका विवरण निचे दिया गया है|:-

संयुक्त राज्य अमेरिका 

मौलिक अधिकार, न्यायिक पुनरावलोकन, संविधान की सर्वोच्चता, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, निर्वाचित राष्ट्रपति एवं उस पर महाभियोग, उपराष्ट्रपति, उच्चतम एवं उच्च न्यायलयों को हटाने की विधि एवं वित्तीय आपात|

ब्रिटेन

संसदात्मक शासन प्रणाली, एकल नागरिकता एवं विधि निर्माण प्रक्रिया।

आयरलैंड

नीति-निर्देशक सिद्धांत, राष्ट्रपति के निर्वाचक-मंडल की व्यवस्था, राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा में साहित्य, कला, विज्ञान व समाज-सेवा इत्यादि के क्षेत्र में ख्यातिप्राप्त व्यक्तियों का मनोनयन।

ऑस्ट्रेलिया

प्रस्तावना की भाषा, समवर्ती सूची का प्रावधान, केंद्र एवं राज्य के बीच संबंध तथा शक्तियों का विभाजन, संसदीय विशेषाधिकार।

जर्मनी

आपातकाल के परिवर्तन के दौरान राष्ट्रपति को मौलिक अधिकार संबंधी शक्तियां।

कनाडा

संघात्मक विशेषताएं, वशिष्ट शक्तियां केंद्र के पास, राज्यपाल की नियुक्ति विषयक प्रक्रिया, संघ एवं राज्य के बीच शक्ति विभाजन।

दक्षिण अफ्रीका

संविधान संशोधन की प्रक्रिया का प्रावधान|

रुस 

मौलिक कर्तव्यों का प्रावधान|

जापान

विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया|


भारतीय संविधान के अनुसूची:-

प्रथम अनुसूची

इसमें भारतीय संघ के घटक राज्यों एवं संघ शासित क्षेत्रों का उल्लेख है।

संविधान के 69 वें संशोधन के द्वारा दिल्ली को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र का दर्जा दिया गया।

 द्वितीय अनुसूची

इसमें भारतीय राज-व्यवस्था के विभिन्न पदाधिकारियों को प्राप्त होने वाले वेतन भत्ते और पेंशन आदि का उल्लेख किया गया है

तृतीय अनुसूची

इसमें विभिन्न पदाधिकारियों जैसे मंत्री उच्चतम एवं उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों द्वारा पद ग्रहण के समय ली जाने वाली शपथ का उल्लेख है।

चौथी अनुसूची

इसमें विभिन्न राज्यों तथा संघीय क्षेत्रों की राज्यसभा में प्रतिनिधित्व का विवरण दिया गया है।

 पांचवी अनुसूची 

इसमें विभिन्न अनुसूचीत क्षेत्रों और अनुसूचित जनजाति के प्रशाषन और नियंत्रण के बारे में उल्लेख है।

छठी अनुसूची

इसमें असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम राज्यों के जनजाति क्षेत्रों के प्रशासन के बारे में प्रावधान है।

सातवीं अनुसूची

इसने केंद्र एवं राज्यों के बीच शक्तियों के बंटवारे के बारे में दिया गया है|

इस अनुसूची में सरकारों द्वारा शुल्क एवं कर एवम कर लगाने के अधिकारों का उल्लेख है।

इसके अंतर्गत 3 सूचियां है - संघ सूची, राज्य सूची, एवं समवर्ती सूची

 

संघ सूची:-

इस सूचि में दिए गए विषय पर केंद्र सर्कार कानून बनती है|

संविधान के लागु होने के समय 97 इसमें विषय थे वर्तमान में 100 विषय है|

जेसे- रक्षा, विदेशी मामले, मुद्रा, रेलवे, वीजा, राष्ट्रीय राजमार्ग, बन्दरगाह, टेलीफोन, डाकघर, निगम कर, जनगणना आदि|

राज्य सूची:-

इस सूचि में दी गये विषय पर राज्य सरकार कानून बनती है|

संविधान के लागु होने के समय 66 इसमें विषय थे वर्तमान में 61 विषय है|

जैसे – कानून व्यवस्था, पुलिस, स्थानीय शाषन, लोक स्वस्थ्य डी स्वछता, अस्पताल, बाज़ार, मेले, कृषि आय पे कर, भूमि व भवन पे कर आदि|

 समवर्ती सूची:-

इसके अंतर्गत दी गए विषय पर केंद्र और राज्य दोनों सरकारे कानून बनती है|

कानून के विधी समान होने पर केंद्र स्क्रकर द्वारा बनाया गया कानून ही मान्य होता है|

संविधान के लागु होने के समय 47 इसमें विषय थे वर्तमान में 52 विषय है|

दंड विधि, विवाह, वन, शिक्षा, चिकित्सा व्रत्ति, सम्पत्ति का अर्जन एवं अधिग्रहण, जन्म व मृत्यु का पंजीकरण, विद्युत आदि|

 

आठवीं अनुसूची

इसमें भारत की 22 भाषाओं का उल्लेख किया गया है। मूल रुप से आठवें अनुसूची में 14 भाषाएं थी।

1967 ईस्वी में 21 वां संसोधन में सिंधी को, 1992 में 71 वां संसोधन मैं कोंकणी, मणिपुरी तथा नेपाली को शामिल किया गया।

2003 में 92 वां संशोधन में मैथिली, संथाली, डोगरी एवं बोड़ों को आठवीं सूची में शामिल किया गया।

 नौंवी अनुसूची

संविधान में यह अनुसूची प्रथम संविधान संशोधन अधिनियम 1951 ईस्वी के द्वारा जोड़ी गई।

इसकी अंतर्गत राज्य द्वारा संपत्ति अधिग्रहण का उल्लेख किया गया है।

अनुसूची में सम्मिलित विष्णो को न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती।

वर्तमान में इस अनुसूची में 284 अधिनियम है|

 दसवीं अनुसूची

यह संविधान में 52 वे संशोधन, 1985 ईस्वी के द्वारा जोड़ी गई है।

इसमें दल बदल से सम्बन्धित प्रावधानों का उल्लेख है|

 ग्यारहवीं अनुसूची

यह अनुसूची संविधान में 73 वें संविधान संशोधन, 1993 ईस्वी के द्वारा जोड़ी गई है।

इसे पंचायती राज संस्थाओं को कार्य करने के लिए 29 विषय प्रदान किए गए हैं।

 बारहवीं अनुसूची

यह अनुसूची संविधान में 74 वें संवैधानिक संशोधन, 1993 ईस्वी के द्वारा जोड़ी गई है।

इसमें शहरी क्षेत्र की स्थानीय स्वशासन संस्थाओं को कार्य करने के लिए 18 विषय प्रदान किए गए हैं।

 

राज्यों का पुनर्गठन:-

स्वंत्रता प्राप्ति के बाद देसी रियासतों और ब्रिटिश शाषित भारतीय रियासतों का विलय कर दिया गया|

1 मई 1960 को मराठी एवं गुजरती भाषा के आधार पर बम्बई राज्य का बंटवारा करके 2 नये राज्यों महाराष्ट्र एवं गुजरात का गठन किया गया|

18 दिसम्बर 1961 को गोवा, दमन व दीव को पुर्तगालियों से मुक्त कराकर उन पर पूर्ण अधिकार क्र लिया गया|

1 दिसम्बर 1963 को नागा आन्दोलन के कारण असम को विभाजित कर नागालैंड को अलग राज्य बनाया गया|

1 नवम्बर 1966 को पंजाब को विभाजित करके पंजाब एवं हरियाणा 2 राज्य बनाए गए|

25 जनवरी 1971 को हिमाचल प्रदेश व 21 जनवरी 1972 को मणिपुर, त्रिपुरा एवं मेघालय को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया|

26 अप्रैल 1975 को सिक्किम को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया|

20 फरवरी 1987 को मिजोरम व अरुणाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया|

30 मई 1987 को गोवा को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया गया|

वर्ष 2000 में उत्तर प्रदेश से उत्तरांचल, मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़, तथा बिहार से झारखंड नामक राज्य बनाए गये|

2 जून 2014 को भारत का 29 वां राज्य तेलंगाना अस्तित्व में आया| यह आंध्र प्रदेश को विभाजित करने से बना|

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