जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल को अपने अधीन कर लिया तो अंग्रेजो ने बंगाल पर शाषन करने के लिए अपने कुछ लोगो को बंगाल के गवर्नर जनरल के पद पर नियुक्त किया| 1833 के चार्टर एक्ट द्वारा बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया| इस ब्लॉग में मैंने भारत में कंपनी के अधीन बंगाल के गवर्नर जनरल और भारत के गवर्नर जनरल को सरल शब्दों में समझाने का प्रयास किया है|
कंपनी के अधीन गवर्नर जनरल
बंगाल के गवर्नर जनरल (Governor General of India)
1. 1757-1760 ईसवी एवं पुनः 1765-1767 ईसवी - बंगाल के गवर्नर रॉबर्ट क्लाइव रहे
इसने बंगाल में द्वैध शासन की व्यवस्था की जिसके तहत राजस्व वसूलने, सैनिक संरक्षण एवं विदेशी मामले कंपनी के अधीन थे जबकि शासन चलाने की जिम्मेदारी नवाब के हाथों में थी|
1765 ईसवी में मुगल सम्राट शाह आलम द्वितीय को इलाहाबाद की द्वितीय संधि के द्वारा कंपनी के संरक्षण में ले लिया
दो उप दीवानों को नियुक्त किया गया बंगाल के लिए मोहम्मद रजा खान और बिहार के लिए राजा शिताब राय
रेगुलेटिंग एक्ट 1773 के अनुसार बंगाल के गवर्नर को अब अंग्रेजी क्षेत्रों का गवर्नर जनरल कहा जाने लगा जिसका कार्यकाल 5 वर्ष निर्धारित किया गया।
2. 1774 से 1785 ईसवी - वारेन हेस्टिंग्स (Waren Hastings)
इसने राजकीय कोषागार को मुर्शिदाबाद से हटाकर कोलकाता स्थापित किया|
1780 ईसवी में इसी के काल में भारत का पहला समाचार पत्र द बंगाल गजट का प्रकाशन हुआ|
1781 ईसवी में इसने कोलकाता में मुस्लिम शिक्षा के विकास के लिए प्रथम मदरसा स्थापित किया|
1782 ईसवी में इसी के काल में जोनाथन डंकन ने बनारस में संस्कृत विद्यालय की स्थापना की|
इसने मुगल सम्राट को मिलने वाली 26 लाख रुपए की वार्षिक पेंशन बंद करवा दी|
1775 से 1782 ईसवी प्रथम आंगल मराठा युद्ध एवं 1780 से 1784 इसवी द्वितीय आंग्ल मैसूर युद्ध वारेन हेस्टिंग्स के समय ही लड़े गए|
पिट्स इंडिया एक्ट 1784 इसवी के विरोध में इस्तीफा देकर वारेन हेस्टिंग्स इंग्लैंड वापस चले गए तो वर्क द्वारा उनके ऊपर महाभियोग लगाया गया परंतु 1795 ईस्वी में इन्हें आरोपों से मुक्त कर दिया गया|
3. 1785 से 1786 ईसवी - सर जॉन मैकफरसन (Sir Jhon Macfrson)
इन्हें अस्थाई गवर्नर जनरल नियुक्त किया गया|
4. 1786 से 1793 और 1805 ईसवी - लॉर्ड कॉर्नवालिस (Lord Carnwalis)
कॉर्नवालिस को भारत में प्रशासनिक सेवा व नागरिक सेवा का जनक माना जाता है|
जिलों में पुलिस थानों की स्थापना की और पुलिस कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि की|
कंपनी के कर्मचारियों के व्यक्तिगत व्यापार पर प्रतिबंध लगा दिया|
1789 से 1792 ईसवी में इसी के काल में तृतीय आंग्ल मैसूर युद्ध हुआ जिसके बाद टीपू सुल्तान से श्रीरंगपटनम की संधि की गई|
1793 ईसवी में स्थाई बंदोबस्त को लागू किया जिसके साथ एक नई जमीदार वर्ग का उद्भव हुआ| स्थाई बंदोबस्त के तहत जमीदारों को भू राजस्व का 90% कंपनी को देना था तथा 10% अपने पास रखना था|
5. 1793 से 98 ईसवी - सर जॉन शोर (sir Jhon Shor)
इन्होंने तटस्थता तथा अहस्तक्षेप की नीति अपनाई|
6. 1798 से 1805 ईसवी - लॉर्ड वेलेजली (lord Valajly)
इन्होंने सहायक संधि की पद्धति शुरू की|
1799 ईसवी में इन्ही के काल में टीपू सुल्तान चौथे आंग्ल-मैसूर युद्ध मारा गया|
कोलकाता में फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना की|
यह स्वयं को बंगाल का शेर कहता था|
7. 1805 से 1807 ईसवी - सर जॉर्ज वार्लो (sir Jorj Varlo)
1806 ईसवी में वेल्लोर में हुई सिपाही विद्रोह किसके काल की महत्वपूर्ण घटना है|
1857 ईसवी में दासों के व्यापार पर रोक लगा दी|
8. 1807 से 1813 ईसवी - लॉर्ड मिंटो प्रथम (Lord Minto First)
चार्टर एक्ट 1813 इसी के शाषन काल में पारित हुआ|
1809 ईसवी में रणजीत सिंह के साथ अमृतसर की संधि के लिए चार्ल्स मेटकाफ को भेजा|
9. 1813 से 1823 ईसवी - लॉर्ड हेस्टिंग्स (lord Hastings)
इसी के समय में आंग्ल-नेपाल युद्ध हुआ जो संगोली की संधि से समाप्त हुआ।
इसी के समय में पिंडारियों का दमन कर दिया गया|
इसने मराठों की शक्ति को अंतिम रूप से नष्ट कर दिया|
प्रेस पर लगे प्रतिबंध को समाप्त किया|
1822 ईसवी में टैनैन्सी एक्ट या काशतकारी अधिनियम लागू किया गया|
10. 1823 से 1828 ईसवी - लॉर्ड एमहर्स्ट (Lord Amhurst)
1824 ईसवी में बैरकपुर का सैन्य विद्रोह हुआ
1824 से 1826 ईसवी में प्रथम आंगल बर्मा युद्ध इन्ही के काल में लड़ा गया| जो यान्डबू की संधि से समाप्त हुआ।
भारत का गवर्नर जनरल
1833 का चार्टर एक्ट द्वारा बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया इस प्रकार भारत का पहला गवर्नर जनरल लॉर्ड विलियम बेंटिक हुआ|
1. 1828 से 1835 ईसवी - लॉर्ड विलियम बेंटिक (Lord William Bantique)
1803 ईसवी में यह मद्रास का गवर्नर था|
1806 ईसवी में इसी के समय में माथे पर जातीय चिंह न लगाने तथा कानों में बालियां ना पहनने देने पर वेल्लोर के सैनिकों ने विद्रोह कर दिया था|
1829 ईसवी में राजा राममोहन राय के सहयोग से बैंटिक ने सती प्रथा को समाप्त कर दिया|
1830 ईसवी में इसने शिशु बालिका की हत्या पर भी प्रतिबंध लगा दिया
1833 ईसवी में इसके समय कंपनी के 1833 के चार्टर एक्ट द्वारा यह निश्चित किया गया कि धर्म जाति रंग अथवा जन्म के आधार पर किसी व्यक्ति को कंपनी की सेवा में प्रवेश से नहीं रोका जाएगा|
1835 ईसवी में बैंटिक ने कलकत्ता में कलकत्ता मेडिकल कॉलेज की स्थापना की|
इसने भारतीयों को उत्तरदाई पदों पर नियुक्त किया|
2. 1835 से 1836 ईसवी - चार्ल्स मटकाऑफ (Charles Matcauf)
प्रेस पर से नियंत्रण हटाया इसलिए इसे भारतीय प्रेस का मुक्तिदाता भी कहा जाता है|
3. 1836 से 1842 ईसवी - लॉर्ड ऑकलैंड (Lord Akland)
1839 से 1842 ईसवी में प्रथम आंग्ल-अफगान युद्ध लड़ा गया|
1839 ईसवी में इसने कोलकाता से दिल्ली तक ग्रैंड ट्रंक रोड की मरम्मत करवाई|
4. 1842 से 1844 ईसवी - लॉर्ड एलनबरो (Lord Alnbro)
प्रथम आंग्ल अफगान युद्ध समाप्त हुआ
दास प्रथा का उन्मूलन हुआ
1843 ईसवी से रविवार की छुट्टी की शुरुआत हुई
5. 1844 से 1848 ईसवी - लॉर्ड हार्डिंग (Lord Harding)
1845 से 1846 ईसवी में प्रथम आंग्ल सिख युद्ध हुआ जिसमें अंग्रेजों की विजय हुई|
इसने नरबलि प्रथा पर प्रतिबंध लगाया|
6. 1848 से 1856 ईसवी - लॉर्ड डलहौजी (Lord Dalhauji)
1848 और 1849 ईसवी में द्वितीय आंग्ल-सिख युद्ध लड़ा गया|
1849 ईसवी में पंजाब का ब्रिटिश शासन में विलय हुआ|
प्रसिद्ध हीरा कोहिनूर महारानी विक्टोरिया को भेज दिया गया|
व्यपगत सिद्धांत (Doctrine of lapse) की नीति प्रचलित थी जिसके अंतर्गत जिन राज्यों का कोई पुरुष वारिस नहीं होता था उनकी जमीन पर अंग्रेज कब्जा कर लिया करते थे|
तोपखाने के मुख्यालय को कोलकाता से मेरठ स्थानांतरित किया|
सेना का मुख्यालय शिमला में स्थापित किया|
डलहौजी को भारत में रेलवे का जनक माना जाता है|
16 अप्रैल 1853 ईसवी में मुंबई से थाने के बीच 34 किलोमीटर प्रथम रेल चलाई गई|
1854 ईसवी में नया पोस्ट ऑफिस एक्ट पारित हुआ और भारत में पहली बार डाक टिकट का प्रचलन प्रारंभ हुआ
पृथक रूप से भारत में पहली बार सार्वजनिक निर्माण विभाग की स्थापना की|
1854 ईसवी में एक स्वतंत्र विभाग के रूप में लोक सेवा विभाग की स्थापना की|
शिमला को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया|
7. 1856 से 1862 ईसवी - लॉर्ड कैनिंग (Lord Canning)
यह भारत में कंपनी द्वारा नियुक्त अंतिम गवर्नर जनरल तथा ब्रिटिश सम्राट के अधीन नियुक्त भारत का प्रथम वायसराय था|
इसके बाद गवर्नर जनरल के पद को समाप्त कर दिया गया| और भारत के वायसराय का पद अस्तित्व में आया| इससे पहले घटी घटनाएं थी बंगाल पर अंग्रेजों का आधिपत्य और अंग्रेजों के मैसूर से संबंध इसके अलावा सिक्ख मुग़ल एवं अंग्रेजों के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए हमारे इस लेख को पढ़ें।
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